चाइकिन के वोलैटिलिटी संकेतक का परिचय
चाइकिन के वोलैटिलिटी संकेतक (CHV) की व्याख्या के अनुसार, जब वोलैटिलिटी इंडिकेटर का मान तेजी से बढ़ता है, तो यह संकेत देता है कि कीमत किसी आधार के करीब पहुँच रही है। उदाहरण के लिए, यह उस समय का संकेत हो सकता है जब निवेशकों में घबराहट के चलते शेयरों की बेचने की होड़ लग जाती है। दूसरी ओर, यदि वोलैटिलिटी का मान दीर्घकालिक अवधि में गिरता है, तो यह एक पीक के निकटता की ओर इशारा करता है, जैसे कि एक परिपक्व बुल मार्केट में।
एकल संकेतक पर निर्भर न रहें
चाइकिन का सुझाव है कि केवल एक संकेतक पर निर्भर रहना सही नहीं है। बेहतर ट्रेडिंग निर्णय के लिए, आपको मूविंग एवरेज क्रॉसिंग या ट्रेड बैंड सिस्टम का उपयोग करना चाहिए। ये सिस्टम अन्य संकेतकों के साथ मिलकर आपके ट्रेडिंग सिग्नल्स को पुष्ट करते हैं।
निष्कर्ष
- वोलैटिलिटी बढ़ने पर खरीदारी का संकेत हो सकता है।
- वोलैटिलिटी गिरने पर बेचने का संकेत मिल सकता है।
- सिर्फ एक संकेतक पर निर्भर न रहें, अन्य तकनीकी विधियों का भी उपयोग करें।
इन टिप्स को ध्यान में रखकर आप अपनी ट्रेडिंग में सुधार कर सकते हैं।